मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018

सरगोशी .....



तुम्हारी पलको तले
कुछ सरगोशी सी हुई
मोहब्बत ...
ये क्या होती है
और मैंने 
अपनी अलको से
बस
तुम्हारा नाम लिख दिया  ...... निवेदिता

5 टिप्‍पणियां:

  1. अपनी अलको से
    बस
    तुम्हारा नाम लिख दिया ...बहुत बढ़िया रचना

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  2. मुहब्बत की इन्तहा भी यही है ... उस नाम के आगे क्या है जो लिखा जा सके ... चंद पंक्तियों में गहरी बात ...

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  3. वाह ! क्या बात है निवेदिता जी ! बहुत खूब !

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