"आंखों" के झरोखों से बाहर की दुनिया और "मन" के झरोखे से अपने अंदर की दुनिया देखती हूँ। बस और कुछ नहीं ।
वाह..!!!
बहुत सुन्दर
wah ...
वाह..!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंwah ...
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