ख्वाहिशों की भी
कितनी तो किस्में हैं
कुछ बेबसी में पैदा होती हैं
और कुछ बेबसी को बेबस कर देती हैं !
ख्वाहिशों की भी
अजीब सी ख्वाहिशें हैं
बेसबब सी जो महसूस होती हैं
अकसर वो ज़िंदगी का सबब होती हैं !
रूह में पैबस्त
जब कोई ख्वाब होता है
हज़ार ख्वाहिशों की सरगोशियों में
धड़कती उम्मीदों का इक बायस होता है !
- निवेदिता
बहुत खूबसूरत...
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसस्नेह
अनु
बहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंरूह में पैबस्त
जवाब देंहटाएंजब कोई ख्वाब होता है
हज़ार ख्वाहिशों की सरगोशियों में
धड़कती उम्मीदों का इक बायस होता है !
...... सच कहा आपने..
बहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंआभार आपका !!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंख्वाहिशे ज्यादा हैं पर बुरी नहीं , अच्छी बात हैं ! निवेदिता जी धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंI.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत हीं सुन्दर |
जवाब देंहटाएंअरे गज़ब ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....ख्वाहिशें बड़ी अजीब चीज़ लगती है मुझे तो :)
जवाब देंहटाएंहज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले,
जवाब देंहटाएंबहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले!
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बहुत ख़ूबसूरत!