खट खटाक खड़क
सन्नाटे में गूंजती
कदमों की आवाजें
सिटकनी लगाते
अटकती झिझकती
श्वांसों की राह
रोकते अनदेखे
नक्षत्र ........
मुंदी पलकें
उलझी अलकें
रक्त कणिका बन
रुक्ष तन्तुओं में
जीवन बन
बरस जाओ
हे प्रभु !
दुआओं में
जुड़े हाथों में
आशीष बन
बरस जाओ ......
- निवेदिता
सन्नाटे में गूंजती
कदमों की आवाजें
सिटकनी लगाते
अटकती झिझकती
श्वांसों की राह
रोकते अनदेखे
नक्षत्र ........
मुंदी पलकें
उलझी अलकें
रक्त कणिका बन
रुक्ष तन्तुओं में
जीवन बन
बरस जाओ
हे प्रभु !
दुआओं में
जुड़े हाथों में
आशीष बन
बरस जाओ ......
- निवेदिता
Aaameeen!!!
जवाब देंहटाएंसच में बहुत जरूरत है इन दुआओं की ....
हटाएंआपने ठीक कहा वास्तव मेँ इन दुआओँ की जरूरत है । आपकी दुआएँ स्वीकार हो यही शुभकामना है । सस्नेह
जवाब देंहटाएंआशीष पहुँच गया
जवाब देंहटाएंआमीन !!!!!
जवाब देंहटाएंअनु
अति सुन्दर प्रार्थना.
जवाब देंहटाएंदुआ कबूल हो ....
जवाब देंहटाएंहाँ दी ,मेरी जिठानी की तबियत ठीक नहीं है ,वो वेंटीलेटर पर हैं ये दुआ उन के लिए है ......
हटाएंSunder Bhav....
जवाब देंहटाएंdua kubool hogi...
जवाब देंहटाएंprabhu maan bhi jao .......
जवाब देंहटाएंअन्तर कहता है तो सच भी हो ही जायेगा।
जवाब देंहटाएंआमीन! मंगलकामनायें।
जवाब देंहटाएंतथास्तु ! ईश्वर सब कुशल करे !
जवाब देंहटाएंआपकी प्रार्थनाओं में हम भी साथ हैं.....
जवाब देंहटाएंहिम्मत बनाए रखिए...
~सादर!!!
दुआ कबूल हो...
जवाब देंहटाएं:-)