शनिवार, 14 जनवरी 2023

कैफ़ी आज़मी

 कैफ़ी आज़मी का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ ज़िले में १९ जनवरी, १९१९ को हुआ था। कैफ़ी आज़मी के परिवार में उनकी पत्नी शौकत आज़मी, इनकी दो संतान शबाना आज़मी और बाबा आज़मी हैं।


कैफ़ी आज़मी ने लखनऊ और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षा पाई और उर्दू, अरबी और फ़ारसी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया।

कैफ़ी आज़मी में नैसर्गिक काव्य प्रतिभा थी। छोटी उम्र में ही वे शायरी करने लगे थे। यद्यपि उनकी आरंभिक रचनाओं में प्रेम-भावना प्रधान होती थी, किंतु शीघ्र ही उसमें प्रगतिशील विचारों का प्राधान्य हो गया। राजनीतिक दृष्टि से वे कम्युनिस्ट पार्टी के लिए समर्पित थे और उन के पेपर 'कौमी जंग' में लिखते थे ।
कालांतर में फिल्मों में भी गीत लिखने लगे थे। फिल्मों में कैफ़ी आज़मी ने पहला गीत लिखा था 'रोते-रोते बदल गई रात'।
‘गरम हवा’ फ़िल्म की कहानी, पटकथा, संवाद कैफ़ी आजमी ने लिखे। इस फ़िल्म के लिए कैफ़ी आजमी को पटकथा, संवाद और बेस्ट फ़िल्म के तीन फ़िल्मफेयर अवार्ड के साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। इसके अतिरिक्त भी कई अच्छी फिल्में आयीं थीं।

कैफ़ी आज़मी ने आधुनिक उर्दू शायरी में अपना एक ख़ास स्थान बनाया। कैफ़ी आज़मी की नज़्मों और ग़ज़लों के चार संग्रह प्रकाशित हुए हैं ... झंकार, आखिरे-शब,आवारा सिजदे, इब्लीस की मजिलसे शूरा।

कैफ़ी आज़मी बहुआयामी प्रतिभा से संपन्न थे। शायर, गद्यकार , नाटककार, फ़िल्मकार के साथ ही साथ कैफ़ी मज़दूर सभा, ट्रेड यूनियन में काम करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के एक कुशल संगठनकर्ता थे। 

कैफ़ी आज़मी को अपनी विभिन्न प्रकार की रचनाओं के लिये कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं ...  साहित्य अकादमी पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड, सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ वार्ता फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार।

फ़िल्मजगत के मशहूर उर्दू के शायर कैफ़ी आज़मी का निधन १० मई, २००२ को दिल का दौरा पड़ने के कारण मुम्बई में हुआ।
ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी, सहकर कलमकार को शत-शत नमन 🙏
निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'
लखनऊ

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