रविवार, 21 नवंबर 2021

खुशियों की हुई बरसात !

 प्यार भरी हुई इक बात

खुशियों की हुई बरसात !

नन्हा सा इक फूल खिला
झोंका खुशबू भरा मिला
सज गयी मेरे घर की डाली
प्रभु बन कर आये माली
दुआओं की तानी कनात
खुशियों की हुई बरसात !

ठुमकते आये नन्हे पाँव
बसा गए सपनों के गाँव
उँगली थामे तू मुस्काये
ममता यूँ न्यौछावर जाए
जग में हो जाये विख्यात
खुशियों की हुई बरसात !

नाम तेरा #अहान रखा
तुझ में हँसता मेरा सखा
नमः शिवाय का जप किया
भोले ने तुझ सा वर दिया
स्मित से तेरी हुआ प्रभात
खुशियों की हुई बरसात !

दुआ माँगते जोड़ कर हाथ
खुशियों की हुई बरसात ! #निवी

5 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल सोमवार (22-11-2021) को चर्चा मंच         "म्हारी लाडेसर"    (चर्चा अंक4256)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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