गीतिका
चांदनी खिल गयी मुस्कुराते हुए
बादलों ने कहा गीत गाते हुए।।
इस ज़माने ने देखा मुझे आज फिर
इक नई सी नज़र से बुलाते हुए।
दो कदम आसरा बन चले जा रहे
और मंज़िल मिली सर झुकाते हुए।
जब सपन रंग आंखों में भरने लगे
फिर नज़र मिल गयी दिल लुभाते हुए।
अब हृदय में मेरे तुम जो आ जाओ तो
ये #निवी जी उठे सर उठाते हुए।
... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'
प्रणय दिवस के अवसर पर सार्थक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंप्रेम दिवस की सार्थक प्रस्तुति ...
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