बुधवार, 25 जनवरी 2017

न हो उदास ऐ सनम ........



न हो उदास ऐ सनम 
तेरी उदासी में 
मेरे मन में बसी
खामोश ओस ढलती है 
तेरे लबों की 
हल्की सी थिरकन
मेरी यादों की
घनी धुंध में
सूर्य किरण सी दमकती है ...... निवेदिता

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