शुक्रवार, 13 मई 2022

पीड़ाओं से मुक्त कर !

ईश्वर हे जगदीश्वर

पीड़ाओं से मुक्त कर !


स्वस्ति दे आश्वस्ति दे

सुख का इक स्वर दे !


राह नई है चाह कई हैं

पीड़ा की राह सुरमई है !


जीवन मोहभरी माया है

लालसाओं ने भरमाया है !


बाधाओं की बगिया हो

या तूफ़ानों की रतिया हो !


आस यही विश्वास यही

हर पल की अरदास रही !


अन्तिम साँस पर मिलेगा तू

अपनी छाया में रखेगा तू ! 

#निवेदिता_श्रीवास्तव_निवी 

#लखनऊ

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