तुझसे मिलने माँ !
उस पार मुझे अब आना है ,
उस क्षितिज के पार
जहाँ तेरा आशियाना है !
अंगुली पकड़ चलना सिखलाया
साध रखूँ कदमों को बतलाया
सफर बीच हों कितने भी काँटे
तेरा आशीष लगे हमसाया
जीवन यात्रा में
तेरी वीणा बन जाना है !
पास नहीं पाती हूँ अब तुमको
हर पल मैं खोज रही हूँ तुमको
थके - थके रहते नयना व्याकुल
टेरते सदा रहते बस तुमको
तेरी छाया बन
चलते ही मुझको जाना है ! #निवी
माँ का आशीर्वाद जीवन के साथ और बाद भी बना रहता है सदा अपने बच्चों पर
जवाब देंहटाएंमर्मस्पर्शी सामयिक रचना
माँ का आशीर्वाद तो हमेशा साथ रहता । उस छोर पर भी सबको जाना है ।
जवाब देंहटाएंमाँ को नमन।
बहुत भावपूर्ण रचना।
जवाब देंहटाएंपास नहीं पाती हूँ अब तुमको
जवाब देंहटाएंहर पल मैं खोज रही हूँ तुमको
थके - थके रहते नयना व्याकुल
टेरते सदा रहते बस तुमको
तेरी छाया बन
चलते ही मुझको जाना है... मां के लिए सुंदर समर्पण भावपूर्ण रचना । समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है 🙏💐
माँ की कमी ताउम्र सालती रहती है
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