ये ज़िन्दगी
शुक्रगुजार है
अब तक
आती जाती
हर इक
सहमी और
खिली खिली
श्वांस लेती
हर श्वांस की !
ये ज़िन्दगी
कर्ज़दार है
उन दुलार भरी
तोतली बोली की
जिनसे मिश्री
घुलती गयी
तीखे पलों में !
ये ज़िन्दगी
बेबस है
उन चुभती
तीखे काँटे सी
अनावृत्त करती
आवाजों और
निगाहों के
उच्छिष्ट पर !
ये ज़िन्दगी
शर्मसार है
हर उस
अनबोले पल की
जिसका दर्द
दूसरे ने
अनकिया सा
हो भुगता है !
भावमय करते शब्द ... बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंsundar prastuti..
जवाब देंहटाएंहर रंग हर एहसास जिंदगी में आता ही है....
जवाब देंहटाएंहमें उसके हिसाब से जीते जाना हैं...
सुन्दर भाव ...
सस्नेह
अनु
सब ज़िंदगी के रंग हैं ..... गहन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंbadhiya kavita jisme jiwan ke rang bikhre pade hain
जवाब देंहटाएंहर रंग ....सब रंग से भारा ये जीवन ...
जवाब देंहटाएंभावप्रबल अभियक्ति ....!!
शुभकामनायें ....
जीवन है, हर रंग उसी का है.
जवाब देंहटाएं्ज़िन्दगी के रंग हज़ार
जवाब देंहटाएंएक जिंदगी ऐसी भी ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंकितने रंग दिखाता जीवन,
जवाब देंहटाएंकुछ लाता, ले जाता जीवन।
bhaut hi khubsurat rachna...
जवाब देंहटाएंभावमय बेहतरीन प्रस्तुति ,,,,
जवाब देंहटाएंresent post काव्यान्जलि ...: तड़प,,,
बहुत सुन्दर!!
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