शिव - स्तुति
हृदय पधारो हे त्रिपुरारी
टेर लगा मैं तो हूँ हारी
कंठ उतारा शिव का प्याला
मन मेरा बन गया शिवाला
अंतर्मन छवि सिंधु निहारी
मैं - मेरा सब तुझ पर वारी
गौरा सह तुम आओ भोले
वाणी बस बम बम बम बोले
पुष्प हार मैं ले कर आऊँ
श्रद्धा के मैं दीप जलाऊँ
आंगन अपनी छाया कर दो
वर से मेरी झोली भर दो
... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'
हृदय पधारो हे त्रिपुरारी
टेर लगा मैं तो हूँ हारी
कंठ उतारा शिव का प्याला
मन मेरा बन गया शिवाला
अंतर्मन छवि सिंधु निहारी
मैं - मेरा सब तुझ पर वारी
गौरा सह तुम आओ भोले
वाणी बस बम बम बम बोले
पुष्प हार मैं ले कर आऊँ
श्रद्धा के मैं दीप जलाऊँ
आंगन अपनी छाया कर दो
वर से मेरी झोली भर दो
... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'
शिव शम्भू की सुन्दर वन्दना।
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