"आंखों" के झरोखों से बाहर की दुनिया और "मन" के झरोखे से अपने अंदर की दुनिया देखती हूँ। बस और कुछ नहीं ।
बुधवार, 25 जनवरी 2017
न हो उदास ऐ सनम ........
न हो उदास ऐ सनम तेरी उदासी में मेरे मन में बसी खामोश ओस ढलती है तेरे लबों की हल्की सी थिरकन मेरी यादों की घनी धुंध में सूर्य किरण सी दमकती है ...... निवेदिता
Very cute :)
जवाब देंहटाएं!!!!
जवाब देंहटाएंलबों की थिरकन बनी रहे ... जीवन यूँ ही चलता रहे ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंप्यारे पल यूँ ही बने रहे ..सुन्दर
जवाब देंहटाएंExcellent post
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