"आंखों" के झरोखों से बाहर की दुनिया और "मन" के झरोखे से अपने अंदर की दुनिया देखती हूँ। बस और कुछ नहीं ।
गुरुवार, 2 जून 2016
2 / 6 / 16
रात के दामन में आसमान ने टाँके थे सितारे बरसती ओस ने धुंधली कर दी चमक सितारों की एक आस भी है एक प्यास भी सूर्य किरण की आये और चमक कर इंद्रधनुष खिल जाये ...... निवेदिता
वाह..!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंwah ...
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