"आंखों" के झरोखों से बाहर की दुनिया और "मन" के झरोखे से अपने अंदर की दुनिया देखती हूँ। बस और कुछ नहीं ।
बुधवार, 15 अगस्त 2012
" फूलों का तारों का ,सबका कहना है "......
परसों रात में मेरा मोबाइल बज उठा ...... देखा तो भाई का नाम दिखा ....... थोड़ी चिंतित हुई कि इतनी देर रात में भाई का फोन क्यों आया ! दुविधा में पड़ी हुई जल्दी से रिसीव किया , तो एक गाने के बोल सुनायी पड़े और सब चिंता दूर हो गयी और निश्चिन्त हो यादों की सैर कर आयी | गाना पूरा होने के बाद जब भाई की आवाज़ सुनायी पड़ी तो मैंने पूछा कि आज ये गीत क्यों ? भाई ने उत्तर दिया ,"रिश्तों के लिए कोई एक दिन नहीं होता है ,इसीलिये ये गीत शुरू होते ही तुम्हारे साथ सुनाने का मन किया |" वो गीत हमें हमारे बचपन में ले गया ,जब मेरे भाई मेरे लिए गुनगुना देते थे | यहाँ तक कि जब बड़े भाई को स्कालरशिप के पैसे मिले और उन्होंने रिकार्ड प्लेयर खरीदा तो पहला रिकार्ड भी यही था | गीत के बोल थे " फूलों का तारों का ,सबका कहना है "......
कभी-कभी व्यस्तता रिश्तों में दूरियां आने का आभास दिलाती है ,पर ऐसे छोटे-छोटे पल उस भ्रम को दूर कर जातें हैं और सम्बन्धों की सत्यता जतला जाते हैं | हम इस अतिव्यस्त जीवन में हर रिश्ते के लिए एक ख़ास दिन नियत कर के अनेक अपेक्षाएं पाल बैठते हैं , पर क्या उन रिश्तों की सलामती की कामना सिर्फ उस दिन ही करते हैं | सच में तो हर आती जाती साँसे अपनों की और उनके अपनों के लिए दुआ ही करते हैं | पर ये भी सच है उस विशेष अवसर पर अपनों की अनुपस्थिति कष्ट दे जाती है .........
सच में तो हर आती जाती साँसे अपनों की और उनके अपनों के लिए दुआ ही करते हैं | पर ये भी सच है उस विशेष अवसर पर अपनों की अनुपस्थिति कष्ट दे जाती है .........यही तो इस जीवन का कटु सत्य है
सचमुच, बहुत प्यारा गीत है।
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी पोस्ट
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये
:-)
बढ़िया गीत,,,मनमोहक पोस्ट,,,,
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,,
RECENT POST...: शहीदों की याद में,,
प्यारे से रिश्ते पर लिखी प्यारी सी पोस्ट...प्यारा सा गाना....
जवाब देंहटाएंअनु
भाई-बहन की आयु का अन्तराल जितना कम होगा संबंधों में घनिष्टता उतनी अधिक होगी.
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति. आभार !
Lovely :)
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारा गीत है यह, भाव गहरा जाता है..
जवाब देंहटाएंसच में तो हर आती जाती साँसे अपनों की और उनके अपनों के लिए दुआ ही करते हैं | पर ये भी सच है उस विशेष अवसर पर अपनों की अनुपस्थिति कष्ट दे जाती है .........यही तो इस जीवन का कटु सत्य है
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