होती एक टुकडा कागज़ का ,
तकिये के नीचे ठौर पाती ....
होती कोई ख़्वाब सलोना ,
तुम्हारे नयनों में बस जाती
होती प्यारा भाव तुम्हारा ,
दिल की धडकन में बस जाती
होती रंगीला रंग तुम्हारा ,
तुम्हारे अंगों में रच जाती
मैं तो हूँ बस साथ तुम्हारा ,
तुम में ही जी लेती हूँ
एक अटपटा सा सच तुम्हारा ,
साँसे तुमसे ही उधार लेती हूँ
किससे करें ये शिकवे ,
कैसी भूलभुलैय्या सी शिकायतें
इनका कारण ही नहीं
निवारण भी हो सिर्फ तुम !
-निवेदिता
कैसी भूलभुलैय्या सी शिकायतें
जवाब देंहटाएंइनका कारण ही नहीं
निवारण भी हो सिर्फ तुम !very nice.
कैसी भूलभुलैय्या सी शिकायतें
जवाब देंहटाएंइनका कारण ही नहीं
निवारण भी हो सिर्फ तुम !
bahut sunder man ke bhaav ....
सारे गुस्से का कारण तुम
जवाब देंहटाएंरूठने का कारण तुम
कुछ गिराने का कारण तुम ...
सीधी सी बात है, हर वक़्त तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ , बातों में, ख्यालों में .....
बहुत सुन्दर वाह!
जवाब देंहटाएंकरण और निवारण दोनों ही जब तुम तो छुटकारा कहाँ ? भावमयी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंइनका कारण ही नहीं
जवाब देंहटाएंनिवारण भी हो सिर्फ तुम !
बहुत खूब ।
ये अटपटा सा सच बड़ा भाया .. सुन्दर रचना .
जवाब देंहटाएंकारण में ही छिपे निवारण, कोई उन्हें बतलाये तो,
जवाब देंहटाएंभाव कहाँ आकार समाते, शब्दों से समझाये जो।
waah sahi bahut khub ....behtreen rachna
जवाब देंहटाएंकारण तुम निवारण भी तुम...फिर कैसी शिकायत..सुन्दर भाव..
जवाब देंहटाएंबड़ी मासूम सी शिकायत है.. पर है तो है!
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंगहरे अहसास।
खुबसूरत शिकायत.....बेजोड़ भावाभियक्ति....
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावमयी प्रस्तुति| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंkhoobsurat, nirmal prastuti.
जवाब देंहटाएंसाँसे तुमसे ही उधार लेती हूँ
जवाब देंहटाएंकिससे करें ये शिकवे ,
मन को छूती बातें, भाव को जगाती रचना।
सुंदर भाव ...बहुत खूब लिखा है आपने समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंनिवेदिता जी,..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा आपने भावपूर्ण सुंदर पोस्ट,मन को भाया...
मेरे नये पोस्ट में आपका इंतजार है,."काव्यांजली"में
Bahut hi Sunder...
जवाब देंहटाएंwah!!! bahut sundar....
जवाब देंहटाएंwww.poeticprakash.com
Great post and great content as always, thanks for this post
जवाब देंहटाएंFrom Great talent
khubsurat shiyakat....
जवाब देंहटाएंbahut achchi lagi......
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट की चंद लाइने पेश है..........
जवाब देंहटाएंनेताओं की पूजा क्यों, क्या ये पूजा लायक है
देश बेच रहे सरे आम, ये ऐसे खल नायक है,
इनके करनी की भरनी, जनता को सहना होगा
इनके खोदे हर गड्ढे को,जनता को भरना होगा,
अगर आपको पसंद आए तो समर्थक बने....
मुझे अपार खुशी होगी........धन्यबाद....
सुन्दर भाव।
जवाब देंहटाएंइस कविता की रचनाकार लखनऊ मे है यह जानकर सखाभाव पैदा हो गया। मैं भी जो यहाँ बस गया हूँ।