झरोख़ा

"आंखों" के झरोखों से बाहर की दुनिया और "मन" के झरोखे से अपने अंदर की दुनिया देखती हूँ। बस और कुछ नहीं ।

शुक्रवार, 25 मार्च 2022

अथ नाम कथा

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#अथ_नाम_कथा अपने नाम ,या कह लूँ कि व्यक्तिगत रूप से सिर्फ़ अपने लिये कभी सोचा ही नहीं।जीवन जब जिस राह ले गया सहज भाव से बहती चली गयी।  अब जीव...
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निवेदिता श्रीवास्तव
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