झरोख़ा

"आंखों" के झरोखों से बाहर की दुनिया और "मन" के झरोखे से अपने अंदर की दुनिया देखती हूँ। बस और कुछ नहीं ।

शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

आने वाला पल .....जाने वाला पल.....

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 एक बार फ़िर ,हो गयी तैयारी ,  आने वाले पल के स्वागत की ,  बीते हुये लम्हों को भुलाने की ,  आने वाले को स्वीकारने की ,  शुभकामनायें देने ...
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