किरण बेदी 💐💐
निशि दिवस की उजास बन
रवि शशि की किरण वह प्यारी थी
एक चिंगारी सी लगती वो
शौर्य भरी किरण बेदी न्यारी थी
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जून माह इतना इतराता इठलाता
जन्म लिया था तभी इस चिंगारी ने
अमृतसर की शौर्य भूमि ने अलख जगा
साहस भरा हर आती सजग साँस ने
महिला सशक्तिकरण का प्रतिमान बनी वो
सत्य और कर्त्तव्य की वो ध्वजाधारी थी !
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शिक्षा ले अंग्रेजी साहित्य और राजनीति शास्त्र में
पढ़ा रही थी वह अमृतसर कॉलेज में
समय ने जब अनायास ही खोली थी पलकें
तब किरण बेदी बनी एक पुलिस अधिकारी
शौर्य ,राष्ट्रपति ,मैग्सेसे जैसे अनेकानेक
पदकों से सम्मानित जिम्मेदार अधिकारी थी !
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गलती किसी की कभी नहीं थी बख्शी
पार्किंग गलत होने पर उठवाई उसने
तत्कालीन प्रधानमंत्री की भी गाड़ी थी
ट्रैफिक दिल्ली का भी खूब सुधारा उसने
बन महानिरीक्षक सँवारा तिहाड़ जेल को उसने
अवमानना के सवाल पर खूब चली वो दुधारी थी !
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जीवन भर कभी हार नहीं उसने मानी थी
मानवता के शत्रुओं से रार खूब ही ठानी थी
यदाकदा विवादों के उछले छींटे बहुत सारे थे
लिखी गईं उसपर पुस्तकें ,बनी फिल्में भी कई सारी थीं
नशामुक्ति और प्रौढ़ शिक्षा की अलख जगा
समाज सुधार का प्रयास कर निभाई जिम्मेदारी थी !
... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'