चाहती हूँ देखना
तुम्हे तुम्हारी सम्पूर्णता में
बस एक कदम की ही तो
ये नामालूम सी दूरी है बनाई
सुनो तुम जानते हो न
निगाहों की भी उम्र होती है ..... निवेदिता
तुम्हे तुम्हारी सम्पूर्णता में
बस एक कदम की ही तो
ये नामालूम सी दूरी है बनाई
सुनो तुम जानते हो न
निगाहों की भी उम्र होती है ..... निवेदिता