tag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post7245465718465964867..comments2024-01-07T14:43:29.542+05:30Comments on झरोख़ा: बोलते स्वर !निवेदिता श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-1633296760558069912012-12-09T12:01:12.208+05:302012-12-09T12:01:12.208+05:30द्वार तो मन के खोने होते हैं कुछ भी सुनने को ... उ...द्वार तो मन के खोने होते हैं कुछ भी सुनने को ... उसे पहचान देने को ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-33908149952928738972012-12-03T21:38:59.040+05:302012-12-03T21:38:59.040+05:30सुंदर अभिव्यक्ति..सुंदर अभिव्यक्ति..विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-75762247487326652742012-12-03T16:12:17.460+05:302012-12-03T16:12:17.460+05:30एक छोटी से कहानी वो यथार्थ कह रही है कि अगर अपने स...एक छोटी से कहानी वो यथार्थ कह रही है कि अगर अपने सिद्धांत और रूचि के रस्ते पर अकेले चलाना है तो अकेले ही चलाना होगा क्योंकि इसा समाज और जाती की भीड़ में अपनी सी कुछ ही मिलेंगी लेकिन अगर शक्ति का अहसास अपने में एक ही हैं रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-2103407589863082192012-12-03T15:31:27.873+05:302012-12-03T15:31:27.873+05:30बहुत ही सुन्दर कविता आभार निवेदिता जी |
समय हो तो ...बहुत ही सुन्दर कविता आभार निवेदिता जी |<br />समय हो तो अपने समय के महान कवि हरिवंश राय बच्चन जी को पढने का कष्ट करें <br />www.sunaharikalamse.blogspot.comजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-23432925440883727642012-12-03T15:12:44.600+05:302012-12-03T15:12:44.600+05:30होते हैं अनुगूंज के भी स्वर :-) होते हैं अनुगूंज के भी स्वर :-) Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-56366874282967686312012-12-03T14:21:36.591+05:302012-12-03T14:21:36.591+05:30बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति...बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति .शुभकामनायें.<br /><br /><br />Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-10305622900766745442012-12-03T11:00:14.309+05:302012-12-03T11:00:14.309+05:30खामोश पड़ी
घण्टी के
मन के द्वार
खोलते और
बोलते...खामोश पड़ी <br />घण्टी के <br />मन के द्वार <br />खोलते और <br />बोलते स्वर !<br /><br />अनहद ले जाता निश्चय ही ...उस पार .....<br />भक्ति और शक्ति का सम्मिश्रण ....<br />सुंदर विचार ...<br />शुभकामनायें ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-47265947499310607102012-12-03T08:24:36.789+05:302012-12-03T08:24:36.789+05:30खामोश पड़ी घंटी के मन के द्वार ...
बिम्ब ने भी मन...खामोश पड़ी घंटी के मन के द्वार ...<br />बिम्ब ने भी मन मोहा !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-55770659825174610362012-12-03T07:55:37.033+05:302012-12-03T07:55:37.033+05:30हर ध्वनि सुनने की शक्ति बढ़ती जा रही है।हर ध्वनि सुनने की शक्ति बढ़ती जा रही है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-75806147029331032682012-12-03T07:25:17.120+05:302012-12-03T07:25:17.120+05:30हर के डमरू से उत्पन्न इस स्पंदन को सुनने के लिए मन...हर के डमरू से उत्पन्न इस स्पंदन को सुनने के लिए मन के द्वार ही खोलने होगे . ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-2230430109246077362012-12-03T07:23:15.719+05:302012-12-03T07:23:15.719+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.gauriihttps://www.blogger.com/profile/07859711080077058423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-1458577678077128912012-12-03T00:25:03.973+05:302012-12-03T00:25:03.973+05:30मन के द्वार खोलिए और सुनने दीजिये मन की आवाज़ .......मन के द्वार खोलिए और सुनने दीजिये मन की आवाज़ .... अच्छी प्रस्तुति ... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-60078050749513886822012-12-02T23:47:57.621+05:302012-12-02T23:47:57.621+05:30प्लानिंग तो हो गयी अब अमल कब शुरु होगा ? :)प्लानिंग तो हो गयी अब अमल कब शुरु होगा ? :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com