tag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post7136549097329993696..comments2024-01-07T14:43:29.542+05:30Comments on झरोख़ा: अटके हुए लम्हे …… निवेदिता श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-52835313532102091962014-03-11T13:22:27.545+05:302014-03-11T13:22:27.545+05:30गहरे भाव...गहरे भाव...कौशल लालhttps://www.blogger.com/profile/04966246244750355871noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-28477178325437682102014-03-10T22:58:16.006+05:302014-03-10T22:58:16.006+05:30आपकी इस प्रस्तुति को आज कि फटफटिया बुलेटिन में शाम...आपकी इस प्रस्तुति को आज कि <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/03/blog-post_10.html" rel="nofollow"><b>फटफटिया बुलेटिन</b></a> में शामिल किया गया है। <b>कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।</b><br />HARSHVARDHAN https://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-61946517913160146622014-03-10T21:14:58.344+05:302014-03-10T21:14:58.344+05:30आभार आपका !आभार आपका !निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-12764271315530315252014-03-10T17:51:28.681+05:302014-03-10T17:51:28.681+05:30समय रुकता है तो सोचने का समय देता है, सोचना कष्टकर...समय रुकता है तो सोचने का समय देता है, सोचना कष्टकर हो जाता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-21737369598371546572014-03-10T14:56:04.126+05:302014-03-10T14:56:04.126+05:30मन के गहरे भाव जैसे शब्द मिल गए ... अभिव्यक्ति हो ...मन के गहरे भाव जैसे शब्द मिल गए ... अभिव्यक्ति हो गए ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-65562176421198937052014-03-10T12:18:02.830+05:302014-03-10T12:18:02.830+05:30निवेदिता जी आपकी कविता ने छायावादी कविता का एहसास ...निवेदिता जी आपकी कविता ने छायावादी कविता का एहसास कराया बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-12118284467209273792014-03-10T11:31:17.708+05:302014-03-10T11:31:17.708+05:30जतला दिया था मान अपने साथ चलने का
बताओ उदासी का भ...जतला दिया था मान अपने साथ चलने का <br />बताओ उदासी का भी कोई कारण होता है क्या<br /><br />..........बहुत सही कहा आपने....बहुत अच्छी रचना दीसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-74170151586404733032014-03-10T11:03:27.510+05:302014-03-10T11:03:27.510+05:30कोई कारन नहीं.....सुन्दर रचना ...कोई कारन नहीं.....सुन्दर रचना ...Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8823361892061198472.post-76809653393389929672014-03-10T06:48:22.381+05:302014-03-10T06:48:22.381+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (10-03-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2014/03/blog-post.html" rel="nofollow">आज की अभिव्यक्ति; चर्चा मंच 1547 में "अद्यतन लिंक" </a> पर भी है!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com