रविवार, 1 मार्च 2020

सफ़र ज़िन्दगी का .....



गुनगुनाती रही रात भर मैं गज़ल।
साथ तुम भी कभी गुनगुनाया करो।।

मुस्कराते रहे चश्मे नम शब भर
हो सके कभी सच भी बताया करो

सारे' सपने सच खिल ही जायें'गे
सच कभी बन तुम जगमगाया करो

सच कहो साथ कभी  इतना दुश्वार नहीं
भाव जो मन बसे ना छुपाया करो

सफ़र ज़िन्दगी का है मुश्किल मगर
दो कदम साथ 'निवी'  निभाया करो
         .... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'

3 टिप्‍पणियां:

  1. अहा , भाभी माँ | क्या बात है | यही रवानी यही तेवर बना रहे हमेशा | बहुत ही प्यारी बात |

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  2. बहुत ही सुन्दर सरस लाजवाब सृजन
    वाह!!!

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  3. बहुत कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह दिया इन शब्दों में ...

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