लघुकथा : निशान अँगूठी का
क्यों उदास बैठी हो ...
कुछ नहीं माँ ...
अब तो वह रिश्ता टूट गया जिसने तुमको तोड़ दिया था ,फिर क्यों परेशान हो ?
माँ अंगूठी तो उतार दी ,पर अंगूठी के इस निशान का क्या करूँ ...
.... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'
क्यों उदास बैठी हो ...
कुछ नहीं माँ ...
अब तो वह रिश्ता टूट गया जिसने तुमको तोड़ दिया था ,फिर क्यों परेशान हो ?
माँ अंगूठी तो उतार दी ,पर अंगूठी के इस निशान का क्या करूँ ...
.... निवेदिता श्रीवास्तव 'निवी'
कम शब्दों में गहरी बात। बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
iwillrocknow.com
वाह!!👌👌
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